1st Ac 2nd Ac 3rd Ac Economy, EC, CC and sleeper class में क्या अंतर होता हैं ?


-1
-1 points

भारत की रेलवे भारत की जीवन रेखा है तथा भारत के भू भाग में रेलवे की लगभग 67,415 किमोमिटर की लंबाई में फैली हुई हैं. इतना ही नहीं यात्रियों की पहली पसंद भी रेल में यात्रा करना है. भारत में रेल के दो भाग है, पहला माला डुलाई और दूसरा यात्रियों के लिए आपको बता दे कि यात्री सेवा से लगभग एक तिहाई की कमाई इससे ही आती हैं. कोई भी ट्रेन में रेलवे अलग-अलग कोच में बटी होती है और प्रत्येक क्लास में इकोनॉमी के अनुसार सुविधाएं भी दी जाती है. आई हम इस आर्टिकल में इन सभी क्लास के बारे में जानेंगे और इसमें अंतर समझने की कोशिश करेंगे आखिर इन सभी क्लास में कोच को बाटने की जरूरत क्यों पड़ी है? आम तौर पर सभी लोग द्वितीय श्रेणी और स्लीपर क्लास से अच्छी तरह से परिचित होंगे. लेकिन ऐसे कुछ ही लोग होंगे जिन्हें 1st AC, 2nd AC और 3rd AC क्लास में अंतर के बारे में कम जानकारी होगी. आइए विस्तार से इनकी विशेषताओं के बारे में जानेंगे:-


फर्स्ट एसी (first AC – 1A)


भारतीय रेलवे में फर्स्ट एसी क्लास सभी क्लास से महंगी श्रेणी का होता है. यह कोच सभी तरह की सुविधाओं वाली होती हैं. इस कोच के प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 2 या 4 बर्थ हो सकती हैं, 2 बर्थ वाले कम्पार्टमेंट को कूप तथा 4 बर्थ वाले कम्पार्टमेंट को केबिन कहा जाता हैं. सीटें अच्छी सुविधाजनक रहती है और इसके साथ फर्स्ट एसी में साइट अपर या साइड लोवर बर्थ नहीं बनाई जाती हैं. इस कोच में अटेंडेंट को बुलाने के लिए प्रत्येक कम्पार्टमेंट में बटन होती है. इसके साथ ही प्रत्येक कम्पार्टमेंट में एक दरवाजे बनाए जाते है, जिसे अंदर से बंद किया जा सकता हैं. राजधानी जैसे ट्रेनों में यात्रियों को स्पेशल प्लेट और कटोरियों में खाना परोसी जाती है और खाने का मीनू लिस्ट 2nd AC व 3rd AC क्लास से अलग रखी जाती है.


सेकेंड एसी (Second AC)


भारतीय रेलवे का सेकेंड एसी कोच सुविधाजनक के मामले में फर्स्ट एसी कोच से कम व थर्ड एसी कोच से अधिक होती है. सेकंड एसी कोच में कोई मिडिल बर्थ नहीं होती है, और साथ में साइड अपर और लोवर सीट होती हैं. इस प्रकार इस तरह प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 6 सीटें बनी होती है. सेकंड एसी में खाना थर्ड एसी जैसा ही होता है, परंतु अगर यात्री कुछ अधिक मात्रा में रोटी या दाल लेना चाहें तो ले सकते हैं.


थर्ड एसी (Third AC)


फर्स्ट, सेकंड व थर्ड एसी कोच में से सबसे अधिक यात्रा करने वाली थर्ड एसी कोच है आम तौर पर मीडिल क्लास भारतीयों की पहली पसंद होती है क्योंकि ये स्लीपर क्लास की तरह होती है परंतु वातानुकूलित होती है. इस कोच के प्रत्येक कम्पार्टमेंट में 8 सीटें बनी होती हैं. मिडिल सीट बनाने के लिए लोवर बर्थ के बैकरेस्ट को ऊपर उठाया जाता है. थर्ड एसी में यात्री के लिए तकिया, कंबल और चादर दिया जाता है. इसमें खाना सेकेंड एसी की तरह ही होती है. परंतु सेकंड एसी की तरह इसमें पर्दे नहीं होता हैं.

एसी-3 इकॉनमी क्लास


एसी-3 इकॉनमी कोच में सुविधा अच्छी दी गई है, ये कोच थर्ड एसी कोच की तरह होती है परंतु इसमें किराए 8% कम होता हैं. कोचों में आम तौर पर 72 बर्थ होती है परंतु इसमें कुल 83 बर्थ होती है. और साथ में हर बर्थ के लिए एक एक्सक्लूसिव एसी वेंट की भी सुविधा दिया गया हैं.

एग्जीक्यूटिव क्लास कोच (executive class coach)


कोई भी ट्रेन के कोच में अगर EC लिखा हो तो वह एग्जीक्यूटिव क्लास कोच होता हैं. इसमें यात्रीयो के लिए केवल बैठने के लिए होती है. इसमें स्पेस बैठने के लिए चेयर कार सीट के मुकाबले ज्यादा होती हैं.

स्लीपर क्लास कोच (sleeper class coach)


यह सामान्य रूप में यात्री सफर के लिए करते है, क्योंकि एसी की सुविधा को छोड़ कर इसमें लेट कर सोकर या यात्री बैठ कर सफर कर सकते है. इसके लिए रिजर्वेशन कराने की जरूरत होती है.

चेयर कार सीट (chair car coach)


कोई भी कोच में cc लिखा होता है वह चेयर कार सीट होता है. इसमें सीटों की संख्या तय होती है, यह बैठने वाले सीट ही बनाई जाती है. यात्री को इसमें सफर करने के लिए रिज़र्वेशन करवानी पड़ती हैं. ये शताब्दी एक्सप्रेस जैसे ट्रेन में होती हैं.

सामान्य कोच (general coach)


भारतीय ट्रेन से यदि यात्री सबसे कम कीमत में सफर करना चाहते है तो वे सामान्य कोच का चुनाव के सकता है. इसमें कोई रिजर्वेशन की जरूरत नहीं पड़ती है. इस कोच में सीटों की संख्या तय नही होती है. साथ ही इसमें भीड़ भाड़ अधिक होती हैं.


Like it? Share with your friends!

-1
-1 points

What's Your Reaction?

Funny Funny
0
Funny
confused confused
2
confused
love love
1
love
lol lol
1
lol
omg omg
0
omg

Comments

comments